विपश्यना ध्यान-10 दिन की तपस्या सम्पूर्ण जानकारी | Vipassana Meditation In Hindi
विपश्यना, आत्मनिरीक्षण करते हुए आत्मशुद्धि की एक बहुत उच्चतम साधना-विधि है, जिसका जिक्र सबसे पहले ऋग्वेद में किया गया है, ऋग्वेद सनातन धर्म का पुरातन ग्रंथ है।
विपश्यना, आत्मनिरीक्षण करते हुए आत्मशुद्धि की एक बहुत उच्चतम साधना-विधि है, जिसका जिक्र सबसे पहले ऋग्वेद में किया गया है, ऋग्वेद सनातन धर्म का पुरातन ग्रंथ है।
‘मर्द ऐसे ही होते हैं’ एक भरे पूरे वृक्ष की डाली परकुछ पंछियों के झुंड मेंअकेली बैठी एक चिड़ियाकतर रही थीनोच-नोच कर अपने पंखज़ख्मी, आंसुओ से भीगीखून से लथपथउसके माथे पर बेबसी थीऔर आँख में टूटी हुई हसरतउसके होठों पर दर्द की आहें थीसरापे में बिखरी हुई शख़्सियतवो ज़िंदगी से हारी थीशायद मुकद्दर की मारी … Read more
लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के एक प्रमुख और प्रभावशाली नेता रहे हैं, जिनका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आडवाणी का जीवन, संघर्ष और योगदान भारतीय राजनीति के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के रूप में देखा जाता है। उनके जीवन और राजनीति में सफलता की कहानी कई पहलुओं को … Read more
मंगलवार को, मेटा के सर्वर में अचानक खामियां आ गईं। इस समय, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के उपयोगकर्ताओं को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यह स्थिति भारत सहित विश्व के कई देशों में देखी गई। इस अवधि के दौरान, उपयोगकर्ताओं को अपने अकाउंट से स्वयं ही लॉगआउट हो गया। इसके बाद, उन्हें लॉगिन करने … Read more
थी इक लड़की गुलाब सी जिस पर सब रंग फबते थेउस की आमद थी ख़ुशबूएँ उस से आँगन महकते थे उसकी डुबकियों से ये समंदर गुलाब जल से लगते थेउसकी तासीर से ये झरने हयायी गुलाबी दहकते थे उसकी आँखें किसी पुरानी मय की प्याली से कम नहींउसकी नज़रों की तपिश से भी बडे़ पहाड़ … Read more
सुनो,ये फ़रवरी की बारिशेंये इज़हार का महीनाकुछ कहता है तुमसे भी क्यामौसम ये भीना भीनाझटका है आसमां ने दामन क्याक्या वस्ल को ली है अंगड़ाईयांक्या पैग़ाम है ये जमीन कोमिट जाएंगी तुम्हारी तन्हानियांकोहरे की दुग्धवत पश्मीना शॉल परजो ओस की बूंदों से टंके थेवही मोती हैं क्या ये जमीं परजो कल ओलो की सूरत में … Read more
सुनो,गर तुमको कभी महसूस होंनफरतें मेरे वुजूद सेतो बेशक करनाचाहें बेहद करनामगर करना फिर भी मोहब्बतें…उस वक्त से जो गुज़ारा थाहमने साथ मेंजो बातें तुम्हें पसंद थीतुम उनसे करना मोहब्बतें… कभी-कभी अपनी जेब सेजैसे निकालते हो कलमऔर उसे रखकर भूल जाते होकिसी मेज परठीक वैसे ही रख दिया करनाउठाकर मेरे हिस्से की नफरतेंफिर फ़क़त करना … Read more
धुआँ- धुआँ है ज़िंदगीकश- कश में अलाव हैना दिखती कोई मंज़िल मुझेना दिखता कहीं पड़ाव हैबेचैनियाँ कम ना हुईंकमबख्त इस दिल की भीजो मिलता गया ज़िंदगी मेंवो ख़ास से हुआ ख़ाक हैरात को सोचूँ सुबह की मानिंदसुबह को शाम की आस हैजो पास रहा वो भूल गयाजो दूर हुआ वो याद हैहयात की इस लज़्जत … Read more
सुनो,प्रेम में लौट आना तुम भीजैसे ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत को लांघ करलौट आया है वसंततुम भी पार कर लेनासमंदर, पहाड़, झरने, नदियां, दरिया और ये दूरियांसुनो लौट आनाजैसे सूख चुके दरख़्त पर बहारें लौट आईं हैंअमलतास, कचनार, कदंब, पलाश लगे हैं झूमनेजैसे खेतों में फिर से सरसों लहलहाई हैआम्र मंजरियों की नशीली … Read more
फक़त मैं ग़मों का साथी हूँ उसके,खुशियों का कर्ज़दार कोई और है। अंधेरा खींचता है उसे मुझ तलक,उजालों का किरदार कोई और है। कातिल़ यादें आयी हैं मेरे हिस्से में,मेरे महबूब का यार कोई और है। चन्द लम्हे बा-मुश्किल मुकद्दर हुए,ज़िंदगी का दावेदार कोई और है। वो तो टकराया था इश्क़ बताने को,शतरंज का शहरयार … Read more
स्त्री पर लिखी मेरी कुछ रचनाएँ- साहसी स्त्रियां साहसी स्त्रियांबहुत आकर्षक होती हैंबहुत दूर से पहचानी जाती हैंभीड़ से अलगआज़ाद रूह की तरहस्वयं में जीतीस्वतंत्र आवाज़ की मालकिनपरतंत्रता को ठुकराअपने लिए अपने औजार गढ़तीसमाज की परिभाषा के विपरीतअपने अस्तित्व को तराशतीनिडर निर्भीक निष्पक्ष चुनाव करतीमुश्किलों से लड़ करहौसलों से आपका परिचय करातीचुनौतियों को ललकारतीअपने और … Read more