मर्द ऐसे ही होते हैं – कविता

‘मर्द ऐसे ही होते हैं’ एक भरे पूरे वृक्ष की डाली परकुछ पंछियों के झुंड मेंअकेली बैठी एक चिड़ियाकतर रही थीनोच-नोच कर अपने पंखज़ख्मी, आंसुओ से भीगीखून से लथपथउसके माथे पर बेबसी थीऔर आँख में टूटी हुई हसरतउसके होठों पर दर्द की आहें थीसरापे में बिखरी हुई शख़्सियतवो ज़िंदगी से हारी थीशायद मुकद्दर की मारी … Read more

गुलाब पर कविता

गुलाब पर कविता

थी इक लड़की गुलाब सी जिस पर सब रंग फबते थेउस की आमद थी ख़ुशबूएँ उस से आँगन महकते थे उसकी डुबकियों से ये समंदर गुलाब जल से लगते थेउसकी तासीर से ये झरने हयायी गुलाबी दहकते थे उसकी आँखें किसी पुरानी मय की प्याली से कम नहींउसकी नज़रों की तपिश से भी बडे़ पहाड़ … Read more

बारिश पर कविताएं

बारिश पर कविताएं (1)

सुनो,ये फ़रवरी की बारिशेंये इज़हार का महीनाकुछ कहता है तुमसे भी क्यामौसम ये भीना भीनाझटका है आसमां ने दामन क्याक्या वस्ल को ली है अंगड़ाईयांक्या पैग़ाम है ये जमीन कोमिट जाएंगी तुम्हारी तन्हानियांकोहरे की दुग्धवत पश्मीना शॉल परजो ओस की बूंदों से टंके थेवही मोती हैं क्या ये जमीं परजो कल ओलो की सूरत में … Read more

मोहब्बतें

mohabbat kavita

सुनो,गर तुमको कभी महसूस होंनफरतें मेरे वुजूद सेतो बेशक करनाचाहें बेहद करनामगर करना फिर भी मोहब्बतें…उस वक्त से जो गुज़ारा थाहमने साथ मेंजो बातें तुम्हें पसंद थीतुम उनसे करना मोहब्बतें… कभी-कभी अपनी जेब सेजैसे निकालते हो कलमऔर उसे रखकर भूल जाते होकिसी मेज परठीक वैसे ही रख दिया करनाउठाकर मेरे हिस्से की नफरतेंफिर फ़क़त करना … Read more

ज़िंदगी पर कविताएं

जिंदगी पर कविताएं

धुआँ- धुआँ है ज़िंदगीकश- कश में अलाव हैना दिखती कोई मंज़िल मुझेना दिखता कहीं पड़ाव हैबेचैनियाँ कम ना हुईंकमबख्त इस दिल की भीजो मिलता गया ज़िंदगी मेंवो ख़ास से हुआ ख़ाक हैरात को सोचूँ सुबह की मानिंदसुबह को शाम की आस हैजो पास रहा वो भूल गयाजो दूर हुआ वो याद हैहयात की इस लज़्जत … Read more

वसंत ऋतु पर कविता | Hindi Poems

वसंत ऋतु पर कविता

सुनो,प्रेम में लौट आना तुम भीजैसे ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत को लांघ करलौट आया है वसंततुम भी पार कर लेनासमंदर, पहाड़, झरने, नदियां, दरिया और ये दूरियांसुनो लौट आनाजैसे सूख चुके दरख़्त पर बहारें लौट आईं हैंअमलतास, कचनार, कदंब, पलाश लगे हैं झूमनेजैसे खेतों में फिर से सरसों लहलहाई हैआम्र मंजरियों की नशीली … Read more

मेरे महबूब का यार कोई और है | Hindi Ghazals

hindi ghazals

फक़त मैं ग़मों का साथी हूँ उसके,खुशियों का कर्ज़दार कोई और है। अंधेरा खींचता है उसे मुझ तलक,उजालों का किरदार कोई और है। कातिल़ यादें आयी हैं मेरे हिस्से में,मेरे महबूब का यार कोई और है। चन्द लम्हे बा-मुश्किल मुकद्दर हुए,ज़िंदगी का दावेदार कोई और है। वो तो टकराया था इश्क़ बताने को,शतरंज का शहरयार … Read more

स्त्री पर कविता

स्त्री पर कविता

स्त्री पर लिखी मेरी कुछ रचनाएँ- साहसी स्त्रियां साहसी स्त्रियांबहुत आकर्षक होती हैंबहुत दूर से पहचानी जाती हैंभीड़ से अलगआज़ाद रूह की तरहस्वयं में जीतीस्वतंत्र आवाज़ की मालकिनपरतंत्रता को ठुकराअपने लिए अपने औजार गढ़तीसमाज की परिभाषा के विपरीतअपने अस्तित्व को तराशतीनिडर निर्भीक निष्पक्ष चुनाव करतीमुश्किलों से लड़ करहौसलों से आपका परिचय करातीचुनौतियों को ललकारतीअपने और … Read more

प्रेम कविताएं | Prem Kavita

प्रेम कविताएं

प्रेम हर किसी के लिए एक अलग अनुभूति है, हर किसी की कहानी भी अलग है बिल्कुल हमारे अंगूठे के निशाँ की तरह, लेकिन प्रेम में एक बात जो सभी के लिए समान है वो है किसी एक व्यक्ति के लिए ह्रदय के धरातल पर प्रेम के अंकुर का फूटना और उसकी जड़ों का सम्पूर्ण … Read more

माँ कविता | Hindi Poem Maa Mother

इस दौर मेंजहाँ प्रेम का प्रत्येक रूपसंदेह की दृष्टि से देखा जा सकेवहाँ माँ का प्रेम निसंदेह है जब बच्चों के प्रेम मेंबगैर किसी बाहरी अभिव्यक्ति केचुपचाप अंतर्मन से खुशी-खुशीबिना अन्न जल ग्रहण किएना जाने कितने उपवास कितने व्रत रखती हैअपने बच्चों के शुभ की कामना करती है माँ साक्षात एक देवी सी मालूम पड़ती … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari