ग़ज़ल शायरी | अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ ग़ज़ल | Ahmad Faraz Ghazal सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की सो हम … Read more