ज़िंदगी पर कविताएं
धुआँ- धुआँ है ज़िंदगीकश- कश में अलाव हैना दिखती कोई मंज़िल मुझेना दिखता कहीं पड़ाव हैबेचैनियाँ कम ना हुईंकमबख्त इस दिल की भीजो मिलता गया ज़िंदगी मेंवो ख़ास से हुआ ख़ाक हैरात को सोचूँ सुबह की मानिंदसुबह को शाम की आस हैजो पास रहा वो भूल गयाजो दूर हुआ वो याद हैहयात की इस लज़्जत … Read more