Hindi Poem For Father | पिता पर कविता
जीवन की इस छोटी सी यात्रा मेंमैंने प्रेम को कई रूपों में जानाबदलते हुए देखा मैंने बहुत कुछवक्त भी, उम्र भी, परिवार भीलफ्ज़ भी, लहज़े भी, क़िरदार भीरिश्ते भी, नाते भी, रिश्तेदार भीदोस्त भी, मोहब्बत भी, ये संसार भीप्रेम का महज़ एक शाश्वत रूपजो स्थायी है “वो है पिता“बिना किसी अभिव्यक्ति के भी जोअथाह हैअपरिमित … Read more