माँ कविता | Hindi Poem Maa Mother
इस दौर मेंजहाँ प्रेम का प्रत्येक रूपसंदेह की दृष्टि से देखा जा सकेवहाँ माँ का प्रेम निसंदेह है जब बच्चों के प्रेम मेंबगैर किसी बाहरी अभिव्यक्ति केचुपचाप अंतर्मन से खुशी-खुशीबिना अन्न जल ग्रहण किएना जाने कितने उपवास कितने व्रत रखती हैअपने बच्चों के शुभ की कामना करती है माँ साक्षात एक देवी सी मालूम पड़ती … Read more