वसंत ऋतु पर कविता | Hindi Poems
सुनो,प्रेम में लौट आना तुम भीजैसे ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत को लांघ करलौट आया है वसंततुम भी पार कर लेनासमंदर, पहाड़, झरने, नदियां, दरिया और ये दूरियांसुनो लौट आनाजैसे सूख चुके दरख़्त पर बहारें लौट आईं हैंअमलतास, कचनार, कदंब, पलाश लगे हैं झूमनेजैसे खेतों में फिर से सरसों लहलहाई हैआम्र मंजरियों की नशीली … Read more