मर्द ऐसे ही होते हैं – कविता

‘मर्द ऐसे ही होते हैं’ एक भरे पूरे वृक्ष की डाली परकुछ पंछियों के झुंड मेंअकेली बैठी एक चिड़ियाकतर रही थीनोच-नोच कर अपने पंखज़ख्मी, आंसुओ से भीगीखून से लथपथउसके माथे पर बेबसी थीऔर आँख में टूटी हुई हसरतउसके होठों पर दर्द की आहें थीसरापे में बिखरी हुई शख़्सियतवो ज़िंदगी से हारी थीशायद मुकद्दर की मारी … Read more

स्त्री पर कविता

स्त्री पर कविता

स्त्री पर लिखी मेरी कुछ रचनाएँ- साहसी स्त्रियां साहसी स्त्रियांबहुत आकर्षक होती हैंबहुत दूर से पहचानी जाती हैंभीड़ से अलगआज़ाद रूह की तरहस्वयं में जीतीस्वतंत्र आवाज़ की मालकिनपरतंत्रता को ठुकराअपने लिए अपने औजार गढ़तीसमाज की परिभाषा के विपरीतअपने अस्तित्व को तराशतीनिडर निर्भीक निष्पक्ष चुनाव करतीमुश्किलों से लड़ करहौसलों से आपका परिचय करातीचुनौतियों को ललकारतीअपने और … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari