मन नदिया है :
मन नदिया है क़ैद पंज़र सेठिकाने ढूँढ़ लाता हैइसे मिलना हो समंदर से बहाने ढूँढ़ लाता है पत्थर दिल से पत्थर भीपिघल जाते हैं क़ुर्बत सेये संगदिल के सख़्त संगर से दीवानें ढूँढ़ लाता है खेतिहर की कुव्वतों साखोद देता है ग़म सारेये बीहड़ों के जर बंजर से खज़ाने ढूँढ़ लाता है ख़ुदग़रज़ है ख़ुदपसंद … Read more