कविता- जीवन आसान रहेगा | Hindi Poem

जितना कम सामान रहेगासफ़र उतना आसान रहेगागठरी जितनी हल्की होगीढोना उतना आसान रहेगा जितने कम हों लोग अच्छासाथ चलना आसान रहेगाजंजाल मोह के कम रहेगेंछोड़ के जाना आसान रहेगा दौलत जितनी कम हो अच्छाप्रभु सुमिरन आसान रहेगाहर पल उसका ध्यान रहेगाउसको पाना आसान रहेगा एकांतता जितनी मिले अच्छीआत्म- ज्ञान आसान रहेगाबंधन सुख दुःख के कटेंगेंसही … Read more

हिन्दी कविता – तू बे-वजह मुस्कुराया कर

तू बे-वजह मुस्कुराया करतू खुशियाँ पास बुलाया कर गम गुज़र जायेंगें बिना छुए तूझेतू हँसकर हाथ मिलाया करआसमां उतर आयेगा आगोश में तेरेथोड़ा चाहत से बाहें फैलाया करहसरतें दिल में दम तोड़ती अच्छी नहींतू खुले दिल से इन्हें जताया करतुझमें बारिशें कभी जो बरसें पुरजोरतू कागज़ की कश्ती तैराया कर अपनी उम्र पे ना जा … Read more

पुरूष कविता

समन्दर पी कर भी प्रेम काकुछ पुरूष रह जाते हैंमरुस्थलबंजर के बंजरनहीं फूटती उनमें कोंपलेंवो रह जाते हैं जीर्ण बीजदेह की असंख्य आकांक्षाएँरखती हैं उनके पौरूष कोस्त्री के प्रेम के अल्हड़पन से वंचितचुलबुलाहट से अनछुआनेत्रों के आलिंगन से अनभिज्ञकिसी सूख चुके गमले से कठोरकिसी कट चुके पेड़ से ठूंठप्रेम उगता रहता हैदूब की भांति इर्द … Read more

पुरुष का दर्द कविता | Hindi Poem

पुरुष का दर्द कविता | Hindi Poem

मैं आदमी हूं साहब
बिन आसूंओं के रोता हूं
पुरुष का दर्द कविता

मणिकर्णिका घाट पर कविता | Hindi Kavita

प्रेम कविताएं| Hindi Kavita

तृष्णाओं के वशीभूतअचैतन्य मन की ऊहा- पोह कोखींच ले जाती हूं बनारस केमणिकर्णिका घाट तकजहां नग्न मृत्यु नृत्य- मग्नऔद्धत्यपूर्ण तांडव करतीनश्वर जीवन के आडंबर कोअंतिम पड़ाव देतीसमस्त चिंताएं सुख दुःखअग्नि से पवित्र हो कुंदन बनआकाश में विलीन होतीबिना भेद भाव, ऊंच नीचअहंकार, ईर्ष्या के विकारों से स्वतंत्रराजा रंक को एकमार्गी करतेपरोक्ष अमर्त्य देवता… आरंभ अंत … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता | कुछ सपने गर टूट जाएं

हिंदी कविता कुछ सपने

कुछ सपने गर टूट जाएंफिर वो कभी पूरे नहीं होतेऐसा ही एक सपना हैइश्क़ के मुकम्मल होने कावक्त मुन्तजिर रहता हैमगर एक वक्त तकफिर अकसर उसी रफ्तार से दौड़ता हैजो वाकई फितरत है उसकीले आता है एक ऐसे मुकाम परजहां से उस टूटे सपने की किरचियांएक ना- मुक्कमलला- हासिलीऔर अधूरेपन का दर्द समेटे चुभती रहती … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता इंसान

हिंदी कविता इंसान

ऊँचे पहाड़ों सा वो कभी, चट्टान हो जाता है,बहती नदी सा कोमल, भी इंसान हो जाता है। झूझता है आंधियां से, विशाल दरख़्त की तरह,फूंक से झोंकों से भी कभी, परेशान हो जाता है। सूरज बन चढ़ता है, अनंत आकाश में इक पल,दूजे पल में धरती चीर कर, वीरान हो जाता है। समन्दर सा गहरा, … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता (ठहराव सुकून है।)

Hindi Poem हिंदी कविता

ठहराव सुकून है,कभी कभी थोड़ा ठहर जाना तुम।मिले जब भी फुरसत तुम्हेंइस बेवजह दौड़ती ज़िंदगी से,तकना शून्य को और मुस्कुराना तुम।बांध देना कभी किसी तारे पर अपनी निगाह,कभी चांद की रोशनी में होश से नहाना तुम।रोक देना भागते हुए लम्हों को किसी पहर,किसी रात महबूब से ख्यालों में बतियाना तुम। ठहराव सुकून है,कभी कभी, थोड़ा … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari